Saturday, September 27, 2025

Remembering Dr. S. R. Ranganathan on His Death Anniversary – 27 September

Dr. S. R. Ranganathan, a prominent mathematician and the "Father of Library Science in India," died on September 27, 1972. He passed away in Bangalore, India, at the age of 80, after a lifelong career contributing to and shaping the field of library science. 

27th September marks the death anniversary of Dr. Shiyali Ramamrita Ranganathan (1892–1972), the revered Father of Library Science in India. His invaluable contributions laid the foundation of modern librarianship and continue to guide information professionals across the world.

Dr. Ranganathan’s most notable legacy is the Five Laws of Library Science, which remain timeless principles for serving readers and managing knowledge effectively. He also developed the Colon Classification system, revolutionizing how information is organized and accessed.

On this solemn day, we pay our heartfelt tribute to Dr. Ranganathan, whose vision transformed libraries into vibrant centers of learning and knowledge. His ideas inspire librarians to uphold the values of accessibility, inclusivity, and service to society.

✨ “Libraries are not just collections of books; they are gateways to knowledge.” – Dr. S. R. Ranganathan

Let us honor his memory by rededicating ourselves to his mission of making information freely available and libraries truly for the people.

On his death anniversary, we honor the Father of Library Science in India. His timeless contributions include:

✅ Five Laws of Library Science

✅ Colon Classification System

✅ Library Development in India

✅ Advocacy for Public & Academic Libraries

His vision continues to guide librarians and information professionals worldwide. 🙏✨

Tuesday, September 23, 2025

हिंदी पुस्तक समीक्षा प्रतियोगिता

 












आज हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत एक विशेष हिंदी पुस्तक समीक्षा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विद्यालय के कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और अपनी रचनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने विभिन्न पुस्तकों की समीक्षा प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने पुस्तकों की विषयवस्तु, कथानक, पात्रों की गहराई, भाषा शैली और उनके प्रभाव पर अपने विचार साझा किए।

प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने न केवल अपनी पढ़ाई और पुस्तक प्रेम के प्रति रुचि दिखाई, बल्कि उन्होंने अपनी विश्लेषण क्षमता और अभिव्यक्ति कौशल को भी प्रदर्शित किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के उत्साह और सक्रिय भागीदारी को देखकर सभी शिक्षक प्रसन्न हुए।

इस प्रतियोगिता का संचालन श्रीमती नीरज सैनी (प्राथमिक शिक्षिका), शाहबाज़ अली (पुस्तकालयाध्यक्ष) और श्रीमती दर्शन कुमारी (TGT सामाजिक विज्ञान) द्वारा सफलतापूर्वक किया गया, और उनका सहयोग श्रीमती मनीषा ने भी प्रदान किया। उन्होंने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें प्रोत्साहित किया, जिससे प्रतियोगिता और भी सफल और यादगार बन गई।

प्रतियोगिता का यह आयोजन विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक साबित हुआ, जिसने उनके हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति प्रेम को और प्रगाढ़ किया।

Tuesday, September 16, 2025

हिन्दी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता


आज हमारे विद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत हिंदी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह और रुचि के साथ भाग लिया। प्रतियोगिता में हिंदी भाषा, साहित्य और सामान्य ज्ञान से जुड़े विविध प्रश्न पूछे गए।

यह प्रतियोगिता पुस्तकालयाध्यक्ष शाहबाज़़ अली और डॉ. करण शर्मा (TGT संस्कृत) द्वारा सफलतापूर्वक करवाई गई। विद्यार्थियों ने अपने ज्ञान और त्वरित उत्तर देने की क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता का वातावरण अत्यंत रोचक और शिक्षाप्रद रहा।

 

Monday, September 15, 2025

हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी

 












































आज हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत एक भव्य हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ हमारे आदरणीय प्राचार्य श्री परमहंस प्रसाद यादव ने फीता काटकर किया।

प्राचार्य महोदय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तकें ही ज्ञान का सच्चा भंडार हैं। पठन-पाठन से न केवल हमारी भाषा और अभिव्यक्ति समृद्ध होती है, बल्कि यह हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रतिदिन पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित करने तथा हिंदी भाषा और साहित्य को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर पुस्तकालयाध्यक्ष श्री शाहबाज़ अली ने इस हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी का सफलतापूर्वक आयोजन किया और विद्यार्थियों को पुस्तकों के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारे जीवन की सच्ची साथी होती हैं, जो हमें सही मार्ग दिखाती हैं और ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करती हैं। श्री शाहबाज़ अली ने विद्यार्थियों को हिंदी साहित्य पढ़ने और उससे प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रदर्शनी में विभिन्न महान लेखकों, कवियों एवं साहित्यकारों की अमूल्य कृतियाँ सजाई गईं, जिनका अवलोकन विद्यार्थियों ने बड़ी उत्सुकता और रुचि के साथ किया। 

इस अवसर पर निम्नलिखित शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी का आनंद उठाया:

श्रीमती रंजू शर्मा

श्रीमती सुनीता रानी

सुश्री मंजेश जसवाल

श्री परमेश्वर दयाल गोयल

श्री अनुज कुमार

श्रीमती नीलम भनोट

श्री शाहबाज़ अली

श्रीमती नीरज सैनी

श्रीमती गुलशन

श्री लक्ष्मण सिंह

डॉ. करण शर्मा

सुश्री रीना महुर

श्री आदित्य कुमार

सुश्री भूमिका सैनी

अन्य शिक्षकगण

इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में पठन-पाठन की आदत विकसित करना, हिंदी साहित्य के प्रति रुचि एवं प्रेम जागृत करना तथा मातृभाषा हिंदी की प्रतिष्ठा को और सशक्त बनाना था।
यह आयोजन अत्यंत सफल, सार्थक और प्रेरणादायी सिद्ध हुआ।