Monday, November 11, 2024

Happy National Education Day 2024

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे। 15 अगस्त 1947 के बाद जब भारत आजाद हुआ, तो उन्होंने स्वतंत्र भारत में शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए। उनकी सोच थी कि हर भारतीय को अच्छी शिक्षा मिले ताकि देश का विकास हो सके।

1. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की स्थापना: मौलाना आज़ाद ने विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए 1953 में यूजीसी की स्थापना की। इस आयोग का उद्देश्य उच्च शिक्षा में सुधार करना और अच्छे शिक्षण संस्थानों को समर्थन देना था।

2. आईआईटी और आईआईएससी का विकास: मौलाना आज़ाद ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज ये संस्थान विश्वभर में प्रसिद्ध हैं और भारत के छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करते हैं।

3. साक्षरता अभियान: मौलाना आज़ाद का मानना था कि शिक्षा का प्रसार भारत के हर कोने तक होना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण इलाकों और पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार पर विशेष ध्यान दिया। उनके प्रयासों के कारण साक्षरता दर में धीरे-धीरे सुधार हुआ।

4. सांस्कृतिक विकास पर जोर: मौलाना आज़ाद ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न संस्थानों की स्थापना की। उन्होंने साहित्य, कला और संगीत को शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने पर जोर दिया, ताकि नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति को समझ सके और उसे आगे बढ़ा सके।

5. सर्व शिक्षा का अधिकार: मौलाना आज़ाद ने प्राथमिक शिक्षा को सभी के लिए अनिवार्य और सुलभ बनाने के लिए कई प्रयास किए। उनका मानना था कि जब तक हर बच्चा शिक्षित नहीं होगा, तब तक देश का विकास संभव नहीं है।

मौलाना आज़ाद के ये कदम भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुए। उनकी दूरदर्शी सोच और ठोस प्रयासों की वजह से आज भारत में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है और शिक्षा का प्रसार अधिक हो सका है। उनके योगदान को याद करने के लिए भारत में हर साल 11 नवंबर को ‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ मनाया जाता है।

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